मुंबई, 15 अप्रैल 2025: मुंबई महानगरपालिका (मनपा) के हिंदमाता और मडकेबुआ प्रोजेक्ट से जुड़े टेंडरों में गंभीर अनियमितताओं और संभावित घोटाले का आरोप लगाते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से विस्तृत और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
दानवे ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से मनपा के ठेके की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मनपा के स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज (SWD) विभाग द्वारा तैयार किए गए इन टेंडरों में महाराष्ट्र नगर पालिका की मानक बोली दस्तावेज़ (Standard Bid Document) गाइडलाइंस का गंभीर उल्लंघन किया गया है।
उनके अनुसार, टेंडर की पात्रता शर्तों में जानबूझकर पंप की क्षमता और दस वर्षों के अनुभव जैसी अटपटी और अनुचित शर्तें जोड़ी गईं, जिनका उद्देश्य केवल कुछ खास कंपनियों को फ़ायदा पहुंचाना था। खासकर, उन्होंने मैसर्स महालसा कंपनी को इस प्रक्रिया से बाहर करने की साजिश का आरोप लगाया है।
दानवे का दावा है कि यह पूरी प्रक्रिया केवल एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी — एआरडब्ल्यू इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड — को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए रची गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस टेंडर को कम से कम 5% अधिक दर पर उस कंपनी को देने की योजना बनाई गई है, जिससे सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान हो सकता है।
विपक्ष नेता ने यह भी कहा कि इस प्रकरण में टेंडर प्रक्रिया में लगे अधिकारियों और निजी कंपनियों के गठजोड़ की गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि मनपा की प्रतिष्ठा और जनता का विश्वास कायम रह सके।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही प्रारंभिक जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन अब विपक्ष ने इसे एक आपराधिक घोटाले की शक्ल देते हुए ईओडब्ल्यू से स्वतंत्र जांच की मांग की है।
यह देखना अब अहम होगा कि राज्य सरकार और जांच एजेंसियां इस गंभीर आरोप पर क्या रुख अपनाती हैं और क्या सचमुच इस टेंडर के पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है।
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