मंगलेश्वर त्रिपाठी
जौनपुर। अपराध पर नियंत्रण तभी संभव है जब कानून का डर अपराधियों के दिलो-दिमाग में घर कर जाए। इसी बात को चरितार्थ करते हुए जौनपुर के पुलिस अधीक्षक और 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी डॉ. अजय पाल शर्मा ने 22 महीनों के कार्यकाल में 94 मुठभेड़ों का नेतृत्व कर न केवल अपराधियों में खौफ पैदा किया है, बल्कि भारतीय पुलिस सेवा के इतिहास में भी एक अनूठा रिकॉर्ड कायम किया है।
डॉ. अजय पाल शर्मा का कार्यकाल अपराधियों के लिए काल बनकर सामने आया है। उनके मार्गदर्शन में जौनपुर पुलिस ने कुख्यात बदमाश आनंद सागर यादव, बाहुबली सहाबुद्दीन गैंग के शूटर सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी, एक लाख के इनामी प्रशांत सिंह प्रिंस और गौतस्कर निशार अहमद को मुठभेड़ों में ढेर कर दिया।
एनकाउंटर शतक के करीब
जौनपुर की कमान संभालने के बाद से ही डॉ. शर्मा का मिशन अपराध का सफाया रहा। अब तक उनके नेतृत्व में जौनपुर में हुए 94 मुठभेड़ों ने उन्हें इतिहास के पन्नों में स्थान दिला दिया है। अपने 22 महीने और 13 दिनों के कार्यकाल में उन्होंने जौनपुर को अपराध मुक्त बनाने के लिए अथक प्रयास किया। उनकी पदोन्नति के साथ ही पुलिस उपमहानिरीक्षक बनने की तैयारी है, लेकिन इससे पहले उनके एनकाउंटर शतक पूरा करने की संभावना है।
डॉ. अजय पाल शर्मा का सफर
डॉ. अजय पाल शर्मा ने आईपीएस बनने से पहले डेंटिस्ट की डिग्री हासिल की थी। हालांकि, दांत के मरीजों की जगह अपराधियों के "दांत खट्टे" करना उनकी खासियत बन गई। सहारनपुर से शुरू हुए उनके पुलिसिंग करियर में मथुरा, शामली, नोएडा, गाजियाबाद और रामपुर जैसे जनपदों में उन्होंने अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की।
मथुरा में डीएसपी रहते हुए उन्होंने दिल्ली के बहुचर्चित उबर रेपकांड का खुलासा कर आरोपी शिवकुमार को सलाखों के पीछे पहुंचाया। रामपुर में उन्होंने 6 साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर जनता को इंसाफ दिलाया। गाजियाबाद में सट्टा माफिया चतुर्भुज गुप्ता उर्फ चतुरा की 350 करोड़ की संपत्ति जब्त कर कानून की ताकत दिखाई।
योगी सरकार में तारीफ और सम्मान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री तक उनकी अपराध नियंत्रण कार्यशैली की तारीफ कर चुके हैं। नोएडा और शामली में उनके कार्यकाल ने अपराधियों के बीच खौफ और जनता के बीच भरोसे का माहौल बनाया।
धर्म, अध्यात्म और जनता की सेवा
सहज और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. शर्मा अपराध नियंत्रण के साथ-साथ जनता की समस्याएं सुनने और उनके समाधान में भी सक्रिय रहते हैं। उनका धर्म और अध्यात्म में विश्वास उनकी कार्यशैली में संतुलन बनाए रखता है।
डॉ. अजय पाल शर्मा ने पुलिसिंग में एक नई मिसाल कायम की है। उनके रिकॉर्ड एनकाउंटरों की गूंज देशभर में सुनाई देती है। अपराधियों के लिए काल बने इस अधिकारी का अगला कदम क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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