मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर भीड़ के कारण भगदड़ की घटना सामने आई है. इस भगदड़ में 9 यात्री घायल हो गए हैं. यह भी जानकारी मिली है कि इनमें से दो की हालत गंभीर है. घायलों को नजदीकी भाभा अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है.
बताया जा रहा है कि यह घटना सुबह करीब 5 बजे बांद्रा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर हुई. ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्रियों की काफी भीड़ थी. ट्रेन में चढ़ने के दौरान भीड़ के कारण भगदड़ मच गयी और कुछ यात्री प्लेटफार्म पर गिर गये. इससे भगदड़ मचने से 9 यात्री घायल हो गये. इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई ने 'एक्स' पर खबर दी है.
जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, दीपावली और छठ पूजा के लिए बांद्रा से गोरखपुर तक ट्रेन से सफर करने के लिए यात्रियों की भारी भीड़ थी. हालांकि, यह ट्रेन बांद्रा से गोरखपुर तक थोड़ी लेट थी। इसलिए ट्रेन आने के बाद यात्रियों में ट्रेन में चढ़ने की होड़ मच गई और इस भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. भगदड़ के दौरान कुछ यात्री प्लेटफॉर्म पर गिरकर घायल हो गये. इसके बाद रेलवे प्रशासन ने उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है. हालांकि दो यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
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उधर इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से भीड़ न लगाने और ट्रेन में चढ़ते समय सावधानी बरतने की अपील की है. इस बीच शुरुआती जानकारी में बताया जा रहा है कि बांद्रा से गोरखपुर तक ट्रेन से यात्रा करने के लिए भीड़ लगाने वाले ज्यादातर यात्री छठ पूजा के लिए उत्तर प्रदेश स्थित अपने गृहनगर जा रहे थे. रेलवे प्रशासन की आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है. फिलहाल बांद्रा स्टेशन के प्लेटफॉर्म की स्थिति ठीक है और जानकारी दी जा रही है कि प्लेटफॉर्म पर पुलिस मौजूद है.
अरविन्द सावंत द्वारा रेलवे प्रशासन की आलोचना
“रेलवे विभाग को पिछले कुछ महीनों में हुई रेल दुर्घटनाओं की जांच करनी चाहिए। केंद्रीय रेल मंत्री रेल यात्रियों की समस्याओं और यात्रियों की पीड़ा को हमेशा नजरअंदाज कर रहे हैं. केंद्र सरकार इस समय सारा निजीकरण कर रही है। रेलवे विभाग के अधिकारी भी यात्रियों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रहे हैं. वे अनर्गल भाषा का प्रयोग करते हैं। एक मराठी न्यूज चैनल पर शिवसेना ठाकरे समूह के नेता अरविंद सावंत ने रेलवे प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर रेलवे प्रशासन से ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा जाए तो भी वे गाड़ियों की संख्या नहीं बढ़ा रहे हैं.
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