मुंबई:भांडुप स्टेशन रोड स्थित गीता सभागृह में वडाला स्थित कोरबा मिठागर के महापौर पुरस्कृत आदर्श मुख्याध्यापक देवेंद्र कुमार सिंह का सेवा संपूर्ति सम्मान समारोह मनपा स्कूलों के पूर्व अधीक्षक रामचंद्र आर.पाण्डेय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में प्रशासकीय अधिकारी किसन पावडे पाटिल एवं राष्ट्रीय शिक्षाविद्, पूर्व प्रशासकीय अधिकारी एवं महाराष्ट्र राज्य हिंदी बाल भारती प्रथम भाषा समिति अध्यक्ष रामहित यादव, राष्ट्रीय लेखक अवनीश दीक्षित, विशिष्ट अतिथियों में लोकप्रिय समाजसेवी उदय प्रताप सिंह, सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार एन.बी.सिंह' नादान 'बयालसी इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता जगदीश प्रसाद सिंह, शिक्षक सभा के पूर्व महासचिव के.के.सिंह,पूर्व प्रधानाध्यापक नरेंद्र सिंह , सम्माननीय अतिथियों के रूप में वरिष्ठ शिक्षक तपेंद्र सिंह,पूर्व प्रधानाध्यापक विनोद कुमार मिश्रा, ट्रस्टी धनंजय टी. सिंह,आदर्श शिक्षक सेवा संघ अध्यक्ष राजेश सिंह , दोपहर का सामना के उपसंपादक गिरीश यादव, समाजसेवी चिकित्सक डॉ.सचिन सिंह एवं गौरवमूर्ति के विषय में विचार व्यक्त करते हुए मुंबई के लोकप्रिय प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह ने गौरवमूर्ति को समाज का गौरव बताया।
प्रमुख वक्ताओं में एक मात्र मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में गौरवमूर्ति के विषय में अपने विचार व्यक्त करते हुए सामाजिक चिंतक समाजसेवी शिक्षाविद् ने कहा कि देवेंद्र का अर्थ है देवताओं के राजा।आज की गौरवमूर्ति सचमुच में ज्ञान के देवता हैं।शायद उसी का प्रभाव है कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में सभी के साथ एक राजा की तरह न्याय किया है।मंच संचालन में तो उनके जैसा मैंने नहीं देखा।मैंने लगभग 150समारोहों में उनके शानदार मंच संचालन को देखा सुना है।शायद उसी का प्रभाव है कि मैं आज प्रमुख वक्ता के रूप में आमंत्रित हुआ। तत्पश्चात उन्होंने अपने द्वारा मराठी भाषा में लिखा अभिनंदन पत्र ,पुष्प गुच्छ ,शाल और श्रीफल देकर उनके द्वारा शिक्षा क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने हेतु उनके साथ ही उनके परिवार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया।
उनकी सुपुत्री एवं अंग्रेजी की इंटर कॉलेज की विद्वान शिक्षिका विभा तेजप्रताप सिंह ने जिस प्रकार से अंग्रेजी भाषा में विचार व्यक्त किया उस समय ऐसा लग रहा था जैसे किसी यूनिवर्सिटी की अंग्रेजी की प्रोफेसर बोल रही है। प्रधानाध्यापक विनोद पासी,दिनेश प्रताप सिंह के बाद शिक्षक नेता ओम प्रताप सिंह के विचारों को सुनकर लोग भावुक हो गये।मुंबई के आदर्श मंच संचालक शिक्षकों की सबसे बड़ी यूनियन शिक्षक सभा के सबसे लोकप्रिय महासचिव शरदकुमार सिंह का मंच संचालन सचमुच में सभी का मन को मोह रहा था। मानपत्र वाचन अवधेशनारायण आर.गिरि ने जिस प्रकार से वह सचमुच में उनकी विद्वता का प्रमाण है।समारोह की अध्यक्षता कर रहे मनपा स्कूलों के पूर्व अधीक्षक रामचंद्र आर.पाण्डेय ने गौरवमूर्ति के कार्यों का जिस प्रकार से अभिनंदन किया वह सचमुच में यह सिद्ध करता है कि उन्होंने हर शिक्षक की योग्यता को प्रोत्साहित किया है।प्रशासकीय अधिकारी किसन पावडे पाटिल ने गौरवमूर्ति के विषय में बोलते हुए उन्हें अपना गुरू बताया।
वहीं गौरवमूर्ति ने अपने वक्तव्य में कहा कि मैंने पूर्व प्रशासकीय अधिकारी रामहित यादव जैसा मंच संचालक बनने का ख्वाब देखा था। मुझे नहीं पता है कि मैं कैसा मंच संचालक हूँ लेकिन मेरे प्रेरणा स्रोत वे ही हैं। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ विद्वान शिक्षक मयाशरण एस. सिंह ने किया। समारोह में गौरवमूर्ति देवेंद्रकुमार आर.सिंह एवं उनकी का जीवन संगिनी रीना सिंह का शाल,श्रीफल,पुष्प गुच्छ एवं अभिनंदन पत्र देकर सत्कार किया गया।समारोह में गौरवमूर्ति ने शिक्षा एवं शिक्षकों के हित में बिना किसी प्रसिद्धि एवं स्वार्थ के कार्य करने वाले शिक्षक मित्रों एवं सेवानिवृत्त मुख्यध्यापकों का सत्कार किया जिसमें समारोह के संपूर्ण आयोजक सेवानिवृत्त वरिष्ठ शिक्षक खुशदिल विनय कुमार सिंह, पासपोली के पूर्व मुख्याध्यापक गिरधर यादव,साहित्यकार राम अवतार यादव,वरिष्ठ शिक्षक आनंद कुमार सिंह, दिनेश सिंह, हरेंद्र सहदेव यादव,शिक्षक सभा के सहसचिव ओमप्रकाश यादव, प्रमिला यादव मुख्य हैं।तत्पश्चात समारोह में उपस्थित शिक्षा जगत के हजारों गणमान्यों ने प्रीति भोज ग्रहण किया।सभी को गौरवमूर्ति ने प्रणाम कर अपनी विद्वता की छाप छोड़ी।
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