मुंबई : बृहन्मुंबई मनपा शिक्षण /टी विभाग अंतर्गत घाटीपाड़ा मनपा हिंदी शाला मुलुंड के आदर्श प्रधानाध्यापक स्मृति शेष विपत विश्वकर्मा एवं गौरी देवी विश्वकर्मा के सुपुत्र सुबेदार विश्वकर्मा का सेवा संपूर्ति सम्मान समारोह गोशाला एम पी एस मनपा शाला सभागृह में मनपा स्कूलों के पूर्व अधीक्षक रामचंद्र आर. पांडेय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सर्वप्रथम सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, वेदना विदाई गीत जास्मीन कादर खान व पल्लवी प्रजापति ने प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। अतिथि परिचय एवं प्रस्ताविकी शिक्षक सेना के कार्याध्यक्ष उपेन्द्र प्रताप राय ने प्रस्तुत किया। समारोह में अतिथियों के रूप में उप शिक्षणाधिकारी कीर्तिवर्धन कीरत कूड़वे, चंद्रकेश आय. सिंह, भारतीय थल सेना के सेवानिवृत्त सुबेदार /मेजर रमाशंकर विश्वकर्मा, अधीक्षिका ज्योति बकाने, प्रशासकीय अधिकारी कैलाशचंद्र एम.आर्य, संगीता डोईफोडे, विभाग निरिक्षिका कांचन गोसावी, राजकुमारी सी.गिरी, विभाग निरीक्षक गोरखनाथ भवारी, पूर्व कनिष्ठ पर्यवेक्षक शिवदत्त कोठेकर, भावी विभाग निरीक्षक रमेश अडगाले, प्राचार्य मुंबई डॉ. संतोष ओझा तथा मुख्याध्यापक सेवानिवृत्त गिरधर सी.यादव, मुख्याध्यापिकाओं में स्मिता पाटिल, सुनीता प्रजापति, महापौर पुरस्कार प्राप्त पूर्व मुख्याध्यापिका लीलावती सिंह, मुख्याध्यापिका ऊषा पथनवार, मुख्यध्यापक विश्वनाथ बेचू तिवारी, विद्या थोके, रतन कुमार सिंह, मधुकर शिंदे, मनोजकुमार पवार, शिक्षक सहकारी बैंक के पूर्व डायरेक्टर एवं शिक्षक सभा के सहसचिव ओमप्रकाश बैजनाथ यादव , ब्रिजेश उपाध्याय, लक्ष्मी सिन्हा, राष्ट्रीय साहित्यिक राम अवतार यादव तथा पारिवारिक पृष्ठभूमि से सत्कार मूर्ति के अभियंता सुपुत्र चंदन सुबेदार विश्वकर्मा , सूरज सुबेदार विश्वकर्मा तथा शिक्षिका सुपुत्री सुमन विश्वकर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने गाैरवमूर्ति के व्यक्तित्व , कृतित्व तथा शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों, विद्यालय तथा मनपा शिक्षण विभाग की प्रगति हेतु सत्कार मूर्ति द्वारा किए गए उल्लेखनीय योगदान, उपलब्धियों का पारदर्शिता के साथ चित्रण एवं विश्लेषण किया।
भावभीनी विदाई गीत स्वर सम्राट शिक्षक पवनकुमार शुक्ल एवं सेवानिवृत्त शिक्षक उमाशंकर सिंह ने प्रस्तुत किया। मान -पत्र वाचन यशस्वी एवं वरिष्ठ शिक्षक सत्यदेव सूर्यकुमार यादव ने बड़ी ओजस्विता के साथ किया। समारोह में गौरवमूर्ति एवं उनकी जीवन संगिनी अमरावती सुबेदार विश्वकर्मा को शाल, श्रीफल पुष्प गुच्छ, मान पत्र/प्रशस्ति पत्र, उपहार प्रदान कर समारोह अध्यक्ष तथा मंचस्थ गणमान्य विभूतियों, विद्यालय तथा सभागृह में उपस्थित सभी मुख्यध्यापकों कर्मचारियों , विद्यार्थियों, शुभचिंतकों एवं महानुभावों द्वारा हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया गया।
अध्यक्षीय भाषण में श्री पांडेय ने एक बच्ची के भाषण व सेवा निवृत्त हो रहे मुख्याध्यापक द्वारा रचित विरह गीत प्रस्तुत करने वाली छात्रा की बार- बार प्रशंसा किए। वर्तमान उपशिक्षणाधिकारी कीर्ति वर्धन कीरत कूड़वे ने गौरवमूर्ति के शुभकामनाओं के साथ सभी शिक्षकों को फिर से मिशन एडमिशन व मिशन मेरिट को लक्ष्य मानकर नए जोश के साथ काम करने का आह्वान किया। इस सम्मान समारोह में 500 शिक्षकों ,मुख्यध्यापकों तथा शुभचिंतकों ने सक्रिय सहभाग लिया। समारोह का आयोजन,नियोजन तथा क्रियान्वयन संस्कृति संवर्धन मंच मुंबई तथा शाला व्यवस्थापन समिति के तत्वावधान में संपादित किया गया।
कार्यक्रम का सुनियोजित संचालन बहुआयामी प्रतिभा संपन्न , महापौर पुरस्कृत तथा जनगणना राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक हवलदार सिंह तथा तंत्र स्नेही एवं महापौर पुरस्कृत मुख्य शिक्षक मारुति साबले ने विनम्रतापूर्वक किया। आभार प्रदर्शन विद्यालय की वरिष्ठ एवं तंत्र स्नेही शिक्षिका सुनीता सभाजीत गिरी ने शालीनता के साथ व्यक्त किया। सेवा संपूर्ति सम्मान समारोह बोधगम्य, प्रेरणादाई ,आनंददाई , संदेश सूचक तथा यादगार बनाने के लिए शाला की शिक्षिकाओं में शकुंतला शर्मा, सुमनलता सिंह , पुष्पा पेन वाल व वैशाली महाजन ने खूब मेहनत किया।
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