जौनपुर। जौनपुर लोकसभा सीट से भाजपा के कृपाशंकर सिंह को उतारने के बाद अब अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मंगलेश्वर त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतारा है। ब्राह्मण बाहुल्य इस लोकसभा क्षेत्र में मंगलेश्वर त्रिपाठी के चुनावी मैदान में आने से भाजपा के प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह के लिए मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। जौनपुर लोकसभा सीट के लिए ब्राह्मण वोट निर्णायक साबित होते हैं। जौनपुर लोकसभा में 3 लाख 800 मतदाता ब्राह्मण हैं।जो निर्णायक की भूमिका निभाते हैं
उत्तर प्रदेश की तीन ऐसी लोकसभा सीट हैं जिन पर सभी की नजर है। पहली है वाराणसी, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी अखाड़े में है, दूसरी है कांग्रेस का गढ़ माने जानेवाली बरेली, हालांकि यहां से कांग्रेस ने अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और तीसरी लोकसभा सीट जिस पर लोगों की नजर है वह है जौनपुर।
दरअसल जौनपुर से दो ऐसे उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं जिनका ताल्लुक मुंबई से रहा है। एक है बीजेपी के कृपाशंकर सिंह। कृपाशंकर सिंह मुंबई में कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, लेकिन अब कांग्रेसी उन्हे गद्दार नेता की उपाधि से नवाज रहे हैं। भ्रष्टाचार के जाल में वे ऐसे फंसे कि उन्हें कांग्रेस छोड़नी पड़ी और बीजेपी का दामन थामना पड़ा। कृपाशंकर सिंह को भाजपा ने जौनपुर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
जौनपुर से जो दूसरे कैंडिडेट हैं उनका नाम है मंगलेश्वर त्रिपाठी, लोग प्यार से उन्हें मुन्ना त्रिपाठी के नाम से जानते हैं। अखिल भारत हिंदू महासभा ने मुन्ना त्रिपाठी को जौनपुर की 73 लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। मुन्ना त्रिपाठी समाजसेवक भी हैं और वरिष्ठ पत्रकार भी हैं। करीब 25 सालों से मुन्ना त्रिपाठी राजनीति में सक्रिय हैं।
उत्तर प्रदेश से पहले उन्होंने मुंबई में राजनीति की थी। मुन्ना त्रिपाठी कभी शरद पवार के बेहद करीबी थे और NCP के फाउंडर मेंबर्स में से एक हैं मुन्ना त्रिपाठी का उद्घव ठाकरे से भी अच्छा रिश्ता है।
मुन्ना त्रिपाठी ने एनसीपी के अलावा समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासाचिव और यूपी कांग्रेस में महासचिव के रुप में भी अपना योगदान दिया है।
बता दें कि कई सालों से मुन्ना त्रिपाठी उत्तर प्रदेश में अपना योगदान दे रहे हैं, जनता की सेवा कर रहे हैं। मिडिया से बात करते हुए मुन्ना त्रिपाठी ने कहा कि उनका मकसद जौनपुर की जनता की सेवा करना है। मुन्ना त्रिपाठी ने यह भी कहा कि अगर चुनाव में उनकी विजय होती है तो वह अपना सब कुछ जौनपुर की जनता के लिए समर्पित कर देंगे।
जौनपुर लोकसभा सीट यादव मतदाताओं का गढ़ माना जाता है। किसी भी पार्टी द्वारा यादव प्रत्याशी न उतारे जाने से यहां के मतदाता काफी पशोपेश में हैं। जिसका फायदा अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रत्याशी मंगलेश्वर त्रिपाठी को मिलनेवाला है। यहां के मतदाताओं का झुकाव मंगलेश्वर त्रिपाठी की ओर होने का दूसरा कारण यह भी है कि वे समाजवादी पार्टी के प्रदेश पूर्व महासचिव रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने जाैनपुर लोकसभा सीट से बाबुसिंह कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है। 27 साल तक बहुजन समाजवादी पार्टी का हिस्सा रहे बाबूसिंह कुशवाहा को मायावती के सबसे करीबी लोगों में माना जाता था। वे खुद तो कोई चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन मायावती के करीब होने की वजह से विधान परिषद के सदस्य बने और दो बार कैबिनेट मंत्री रहे। बाबूसिंह कुशवाहा पर कई घोटालाें का आरोप लग चुका हैं। बाबूसिंह कुशवाहा की छवि साफ सुथरी नहीं होने का फायदा मंगलेश्वर त्रिपाठी को मिलना तय है।
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