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बलिया में हीट स्ट्रोक का कहर! ७२ घंटे में ली ७४ की जान!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

बलिया में आसमान से आग उगलती धूप, प्रचंड गर्मी और लू के बीच बलिया तप गया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, वहां जिला अस्पताल में गर्मी-धूप, लू से बीमार होकर आने वाले रोगियों की संख्या डरावना रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रहा है। ऊपर से रही-सही कसर बिजली आपूर्ति कोढ़ में खाज बनकर पूरा कर रही है। आकंड़ों के मुताबिक, बीते तीन दिन में ही हीट स्ट्रोक से ७४ लोगों की मौत हुई है। जिले में पिछले दो दिन से ४३-४४ डिग्री सेल्सियस के ऊपर तापमान चल रहा है। डायरिया और लू के मरीजों से सरकारी व निजी अस्पताल के बेड फुल हो गए हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले अधिकतर मरीजों की मौत हो जा रही है। शुक्रवार सुबह से देर रात तक २५ मरीजों की मौत हुई। इस सप्ताह सबसे ज्यादा मौत (३१) गुरुवार को हुई।

जिला अस्पताल की इमरजेंसी और वॉर्डों में भर्ती मरीजों की अचानक मौत की संख्या में इजाफा होने के कारण नि:शुल्क शव वाहन तक नहीं मिले। लोगों को निजी वाहनों से शव लेकर जाना पड़ा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक सप्ताह में १०१ मौत हुई हैं। कर्मचारियों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के दौरान भी एक दिन में इतनी मौतें नहीं हुई थीं। गंगा घाटों पर पूरी रात चिता की आग शांत नहीं हो रही है। ५० वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग सबसे ज्यादा मौत की चपेट में आ रहे हैं। अचानक मौत के आंकड़ों में इजाफा होने से अस्पताल प्रशासन में खलबली मची है। आनन-फानन में इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी वॉर्ड सहित अन्य वॉर्डों में कूलर और एसी लगवाए गए हैं। इसके बाद मरीजों को कुछ राहत मिल रही है। चिकित्सक लोगों को हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय बता रहे हैं।


जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि डॉ. दिवाकर सिंह भीषण गर्मी के कारण अचानक डायरिया, हीट स्ट्रोक, तेज बुखार, सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई। मरीजों को समय से चिकित्सक सुविधा न मिलने के कारण हालत खराब होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे इलाज के बाद भी हालत में सुधार नहीं हो रहा है। फिजिशियन डॉ. पंकज झा ने बताया कि गर्मी को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करते रहें। पानी वाले फलों का सेवन करें। खाली पेट रहना खतरनाक हो सकता है। जरूरी हो, तभी घर से निकलें। थोड़ी-सी भी परेशानी होने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लें। झोलाछाप जान भी ले सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।


 जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि स्थित नियंत्रण में है। ये हीट स्ट्रोक का ऐसा कहर नहीं है जैसे खबरें चल गयीं। सीएमओ के साथ हमने स्वयं अस्पताल का दौरा किया है। गलत बयानी से खबरें चल गर्इं। पिछले तीन दिनों में आए सभी रोगियों को हीट स्ट्रोक का बता दिया गया, जबकि ऐसा नहीं है। मामले की गंभीरता का संज्ञान लेकर शासन ने जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया गया।

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