देश में आम आदमी से लेकर बिजनेसमैन तक हर कोई ये उम्मीद लगाए बैठा है कि कोई ऐसा रास्ता निकले, जिससे इस महंगाई से राहत मिले। केंद्र की मोदी सरकार और इनकी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीति ऐसी है कि नागरिक राहत पाने की बजाय और महंगाई के बोझ तले दबते जा रहे हैं। तीन दिन तक चली मीटिंग के बाद आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने देश की जनता को फिर से झटका दिया है। रेपो रेट में ०.२५ प्रतिशत की बढ़ोतरी से ६.५ पर पहुंच गई है। इस रेपो रेट में मई २०२२ से लेकर अब तक ६वीं बार इजाफा हुआ है। इसकी वजह से होम लोन, कार लोन, पर्नसल लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक के रेट-सेटिंग पैनल से चालू वित्त वर्ष की अपनी अंतिम नीति समीक्षा में ०.२५ प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा था, जिसे आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने कल लागू कर दिया। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आरबीआई रेपो रेट को बढ़ाने पर मुहर लग गई है। कल ०.२५ प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद कुल आरबीआई रेपो रेट ६.५ फीसदी हो गई है। इससे होम लोन, कार लोन समेत लगभग हर तरह के लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी। इसका मतलब है कि जो पहले से लोन ले चुके हैं, उन्हें अब ईएमआई की राशि अधिक चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा जो लोग लोन लेने की सोच रहे थे, उन्हें महंगी ब्याज दरों के साथ लोन मिलेगा।
रेपो रेट 0.25% बढ़ने से जानिए अब कितनी बढ़ जाएगी
रिजर्व बैंक ने 8 फरवरी (बुधवार) को रेपो रेट बढ़ा दिया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया। इससे रेपो रेट बढ़कर 6.5 फीसदी हो गया है। इसका सीधा असर होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन के इंटरेस्ट रेट पर पड़ेगा। अगर आपने होम लोन लिया है तो अब आपकी EMI बढ़ जाएगी। अगर आप होम लोन लेने जा रहे हैं तो आपका इंटरेस्ट रेट ज्यादा होगा। RBI के रेपो रेट बढ़ाने से उन लोगों को थोड़ा झटका लगा है, जो घर खरीदने के लिए होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं। पिछले साल मई से शुरू हुआ रेपो रेट बढ़ने का सिलसिलाएक्सपर्ट्स का कहना है कि रेपो रेट बढ़ने का अनुमान पहले से लगाया जा रहा था। पिछले साल मई से RBI ने रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया था। पिछले साल मई में उसने करीब दो साल बाद रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाया था। इससे यह 4.40 फीसदी पर पहुंच गया था। तब अब तक वह रेपो रेट छह बार बढ़ा चुका है। इस दौरान रेपो रेट 2.5 फीसदी बढ़ चुका है। इस वजह से बैंकों ने भी होम, ऑटो सहित दूसरे लोन के इंटरेस्ट रेट्स बढ़ाए हैं।
रेपो रेट में बदलाव की तारीख
बढ़ने के बाद रेपो रेट
8 फरवरी, 20236.5 फीसदी
7 दिसंबर, 20226.25 फीसदी
30 सितंबर, 20225.90 फीसदी
5 अगस्त, 20225.40 फीसदी
8 जून, 20224.9 फीसदी
4 मई, 20224.4 फीसदी
9 अक्टूबर, 20204.0 फीसदी
होम, ऑटो, पर्सनल सहित सभी लोन महंगे हो जाएंगे
माना जा रहा है कि 8 फरवरी को रेपो रेट बढ़ने के बाद सरकारी और प्राइवेट बैंक होम, ऑटो सहित सभी लोन के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का ऐलान करेंगे। इसकी वजह यह है कि बैंक लोन का इंटरेस्ट रेट तय करने के लिए रेपो रेट को बेंचमार्क की तरह इस्तेमाल करते हैं। इसलिए रेपो रेट बढ़ने के बाद वे लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ाने में जल्दबाजी दिखाते हैं।
रेपो रेट का मतलब क्या होता है?
बैंक ग्राहकों को लोन देने के लिए RBI से पैसे उधार लेते हैं। इस पर उन्हें इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है। रेपो रेट वह रेट है, जिसके हिसाब से बैंकों को RBI को इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है। RBI रेपो रेट को इनफ्लेशन को बढ़ने से रोकने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है। जब रिटेल इनफ्लेशन तेजी से बढ़ रहा होता है तो RBI रेपो रेट बढ़ाकर लोन को महंगा बनाने की कोशिश करता है। इससे इकोनॉमी में डिमांड घटाने में मदद मिलती है।
आपकी EMI पर पड़ेगा क्या असर?
होम लोन की आपकी EMI पर रेपो रेट वृद्धि का असर इस बात पर निर्भर करेगा कि आपके होम लोन की कितनी अवधि बाकी है। अगर आपके लोन की अवधि बहुत ज्यादा बची है तो आप पर इंटरेस्ट बढ़ने का ज्यादा असर पड़ेगा। इंटरेस्ट के रूप में आपको ज्यादा पैसे बैंक को चुकाने होंगे।मान लीजिए आपने पिछले साल मई में 30 लाख रुपये का होम लोन लिया था। इस लोन की अवधि 20 साल है। आपका इंटरेस्ट रेट 7 फीसदी से बढ़कर 9.25 फीसदी हो गया है। तो अगर आप लोन की अवधि में कोई बदलाव नहीं करते हैं तो आपकी 23,258 रुपये से बढ़कर अब 27,387 रुपये हो जाएगी। यह करीब 17.75 फीसदी की वृद्धि है।अगर लोन की अवधि 20 साल की जगह 30 साल होती तो आपकी EMI में होने वाली वृद्धि करीब 23 फीसदी रहती।लोन की अवधि छोटी होने पर इंटरेस्ट रेट बढ़ने का असर ग्राहक पर बहुत कम पड़ता है। अगर आपकी लोन की अवधि 10 साल होती तो आपकी EMI में होने वाली वृद्धि करीब 9.96 फीसदी होती।
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