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उद्धव ठाकरे के हाथ से फिसला तीर-धनुष? चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को सौंपी असली शिवसेना

 

मुंबई।  चुनाव आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी) को उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे  के गुट को शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न तीर-धनुष सौंप दिया. यानी असली शिवसेना अब शिंदे के पास चली गई है।

चुनाव आयोग ने बताया कि उसने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला विधानसभा में कुल 67 विधायकों में से 40 एमएलए का समर्थन उनके पास होने के कारण दिया है. वहीं संसद में भी शिंदे गुट के पास अधिक सांसद हैं. आयोग ने कहा कि 13 सांसद शिंदे गुट के साथ हैं, तो वहीं 7 उद्धव ठाकरे के साथ. 

आयोग ने कहा कि साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े. महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में मिले मतों से 23.5 प्रतिशत मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे.

'विचारों की जीत है' 

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे के विचारों की जीत है. शिंदे पहले भी दावा करते रहे हैं कि वो बालासाहेब ठाकरे की असली शिवसेना है. यह लोकतंत्र और हमारे समर्थकों की जीत है. शिंदे गुट के प्रवक्ता अजय बोरसते ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजीत नहीं. इलेक्शन कमीशन ने सही फैसला लिया है.

संजय राउत ने क्या कहा? 

संजय राउत ने कहा कि हम नया चिह्न लेकर जाएंगे. जनता के दरबार में फिर एक नई शिव सेना खड़ी करके दिखाएंगे. ये लोकतंत्र की हत्या है. कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे. इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है. हमें फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि लोग हमारे साथ हैं.

बता दें कि उद्धव ठाकरे से अलग होकर एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिंदे खुद राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद से असली शिवसेना को लेकर उद्धव गुट और शिंदे गुट के बीच लड़ाई चल रही थी. 

'लोकतंत्र में बहुमत का महत्व और हमारी सरकार- सीएम शिंदे

शिवसेना के एक धड़े का नेतृत्व करने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी न्यायपालिका में भरोसा करती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित मामले में अपना फैसला गुण-दोष के आधार पर करेगा. हालांकि, शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे - यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी असल शिवसेना है और सुप्रीम कोर्ट जब 21 फरवरी को मामले में सुनवाई करेगा तो सच्चाई की जीत होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के दो धड़े बनने के बाद महाराष्ट्र में जून 2022 में पैदा हुए सियासी संकट संबंधी याचिकाओं को 2016 के नबाम रेबिया फैसले की समीक्षा के लिए सात जजों की पीठ को भेजने से शुक्रवार को इनकार कर दिया.

सीएम शिंदे ने कहा न्यायपालिका भरोसा

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि 21 फरवरी को इस बात पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी विधानसभा अध्यक्ष की शक्तियों पर 2016 के फैसले में संदर्भ की आवश्यकता है या नहीं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमें न्यायपालिका में भरोसा है. हमें उम्मीद है कि फैसला गुण-दोष के आधार पर किया जाएगा. हमारी बहुमत की सरकार है और इसका गठन वैधानिक रूप से हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष मामले में सुनवाई लंबा करने के लिए इसे बड़ी पीठ को भेजना चाहता है.

Tags: Shiv sena   

Uddhav Thackeray

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