मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर 16 साल पहले हमला करने वाले 3 दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आतंकियों ने वर्ष 2007 में इस हमले को अंजाम दिया था। जिसके बाद अब नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के स्पेशल कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है। एसटीएफ ने इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद, एक-47 और पाकिस्तानी पासपोर्ट बरामद किया गया था। सजा मिलने से पहले दोषियों ने कोर्ट से उनके साथ नरमी बरते जाने की अपील की थी।
बता दें कि 31 दिसंबर 2007 की रात को जब हर कोई आने वाले नए साल के जश्न में डूबा था। उस दौरान सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर तीन के भीतर घुसकर आतंकियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 7 जवान शहीद हो गए थे। वहीं इस गोलीबारी में एक रिक्शेवाले की भी मौत हो गई थी। पूरे मामले में सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सबाउद्दीन, इमरान शहज़ाद और मोहम्मद फारूक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के साथ ही 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद इस मामले से जुड़े उन सभी लोगों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
जिन्होंने सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले आतंकियों को सजा दिलाए जाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में भी सुरक्षा संबंधी सतर्कता बरती जा रही है। वहीं जिला पुलिस को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश मिले हैं। इस मामले पर फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश और डीजीसी की भी पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि माननीय न्यायाधीश और डीजीसी की सुरक्षा में 4-4 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। यह पुलिसकर्मी उनके आवास पर भी मौजूद रहेंगे।
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