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धारावी पुनर्विकास परियोजना dharvi devlopment project पर अब तक किए गए 31.27 करोड़ रुपए खर्च

 धारावी पुनर्विकास परियोजना dharvi devlopment project in Hindi 
Dharavi Punarvikas pariyojna 

एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी को रिडेवलप करने की बोली गौतम अडानी की रियल एस्टेट कंपनी अडानी रियल्टी ने जीत ली है। अडानी रियल्टी ने डीएलएफ जैसी दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी को पीछे छोड़ ५,०६९ करोड़ रुपए की बोली लगाकर धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को अपनी झोली में डाल दिया है। तमाम कंपनियों को पछाड़ते हुए अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी रियल्टी ने धारावी स्लम के कायाकल्प के लिए रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बोली लगाई थी।

अब कहीं जाकर धारावी के विकास (Dharavi ke vikas)  के लिए अदानी प्रॉपर्टीज के 5039 करोड़ के टेंडर को मंजूरी मिल गई है। धारावी का विकास होते होते थम सा गया था। लेकिन सरकार ने विभिन्न काम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना पर पिछले 15 वर्षों में 31.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर किए गए खर्च के बारे में पूछताछ की थी। स्लम पुनर्वास प्राधिकरण ने अनिल गलगली को पिछले 15 वर्षों में किए गए खर्चों की एक सूची प्रदान की। इसमें 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक 15 वर्ष शामिल हैं। 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2020 तक धारावी पुनर्विकास परियोजना पर 31 करोड़ 27 लाख 66 हजार 148 रुपये खर्च किए गए हैं। पीएमसी चार्ज पर 15.85 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया है। विज्ञापन और प्रसार पर 3.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए। व्यावसायिक शुल्क और सर्वेक्षण पर 4.14 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कानूनी फीस पर 2.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 

धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) Dharavi Punarvikas pariyojna का सरकारी संकल्प 4 फरवरी, 2004 को जारी किया गया था। अनिल गलगली ने अफसोस जताया कि पिछले 17 वर्षों में एक इंच का पुनर्विकास नहीं हुआ है और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। यदि सरकार निजी डेवलपर के बजाय धारावी को पुनर्विकास करती है, तो एक बड़ा हाउसिंग स्टॉक बन जाएगा और सरकार की तिजोरी भर जाएंगी, यह कहते हुए, अनिल गलगली ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को एक पत्र भेजा था लेकिन सरकार ने निजी डेवलपर को वरियता दी और अदानी प्रॉपर्टीज के 5039 करोड़ के टेंडर को मंजूरी मिल गई।



Rs 31.27 crore spent on Dharavi Redevelopment project till date 

Now Adani Properties' tender of 5039 crores for the development of Dharavi has been approved. Dharavi was not developing but the government has spent crores of rupees on various expenses. The Slum Rehabilitation Authority has informed RTI activist Anil Galgali that Rs 31.27 crore has been spent on the Dharavi redevelopment project in the last 16 years.


Anil Galgali, an RTI activist, had inquired about the expenditure incurred on the Dharavi redevelopment project. The Slum Rehabilitation Authority provided Anil Galgali with a list of expenses incurred in the last 15 years. It covers 15 years from 1 April 2005 to 31 March 2020. From 1st April 2005 to 31st March 2020, 31 crore 27 lakh 66 thousand 148 rupees have been spent on Dharavi Redevelopment Project. An expenditure of Rs 15.85 crore has been shown on PMC charges.An amount of Rs 3.65 crore was spent on advertising and dissemination. Rs 4.14 crore has been spent on business charges and surveys. Rs 2.27 crore has been spent on legal fees.


Government Resolution of Dharavi Redevelopment Project (DRP) was issued on February 4, 2004. Anil Galgali lamented that not an inch of redevelopment has taken place in the last 18 years and crores of rupees have been squandered. If the government redevelops Dharavi instead of a private developer, a large housing stock will be created Anil Galgali has sent a letter to Chief Minister and Home Minister saying that the government's coffers will be filled and govt get benifit. But the government gave preference to private developers while issuing tenders and Adani Properties' tender of 5039 crores has been successful.

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