मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दो विधानसभा और एक लोकसभा के चुनाव परिणाम ने भाजपा को हिला दिया। रामपुर में भाजपा ने पहली बार जीत लिया। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिम्पल यादव ने भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को लगभग तीन लाख मतों के भारी अंतर से पराजित किया। खतौली में भी भाजपा उखड़ गई। जबकि यह सीट भाजपा के विक्रम सैनी को हेट स्पीच पर सजा होने के बाद रिक्त हुई थी।
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रालोद-सपा के गठबंधन के प्रत्याशी बाहुबली मदन भैया गुर्जर ने भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को लगभग 22 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। यहाँ केंद्रीय व स्थानीय सांसद डॉ संजीव बालियान, उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिलदेव अग्रवाल, राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर, बृजेश सिंह, जसवंत सिंह महीने भर से डेरा डाले हुए थे। जाट नेता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह भी भाजपा को नहीं उबार पाये।
नगर निकाय चुनाव से पहले आये इस परिणाम ने भाजपा को खतरे का अल्टीमेटम दे दिया। दल बदालुओं के दबदबे ने मूल कार्यकर्ताओं को भाजपा बिमुख कर दिया। लिहाजा वे घर बैठ गए। बसपा के साइलेंस वोटरों ने भाजपा के अहंकारी आचरण के ताबूत पर आखिरी कील ठोंका।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार में हुए दंगे के बाद भाजपा ने जाट और गूजरों एक साथ साध लिया था। लेकिन जयंत चौधरी ने गूर्जर प्रत्याशी देकर भाजपा के हलक से जीत छीन लिया। मैनपुरी चुनाव के दौरान शिवपाल की सुरक्षा घटना और ईडी की नोटिस भेजने जैसे बदले की कार्रवाई ने मतदाताओं में भाजपा के प्रति नफरत पैदा कर दिया। जनता झूम कर सपा को वोट किया। अहंकारी नेतृत्व की हार से भाजपा में भी एक वर्ग खुश हैं। दूसरी सपा को शिवपाल की खोई हुई शक्ति फिर से मिल गयी। जीत से गदगद शिवपाल ने आज ही सपा का झंडा थाम लिया। शिवपाल यादव ने कहा कि परिवार मिलन का यह उचित समय था।
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