हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस पार्टी में कई दावेदार सामने आ चुके हैं। पहले प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा था। अब रेस में कांगड़ा के एक कद्दावर कांग्रेस ने एंट्री मार ली है। कल हुई विधायक दल की बैठक के फैसले से आज कांग्रेस आलाकमान को अवगत कराया जाना है। उससे ठीक पहले यह नाम सामने आया। इससे कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की राह और मुश्किल हो चुकी है। \s \sशीर्ष पद को लेकर जारी खींचतान के बीच मुख्य दावेदारों में अभी तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, नादौन से चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू और निवर्तमान कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता मुकेश अग्निहोत्री के नाम सामने आ रहे थे। उम्मीद की जा रही थी कि दावेदारों की यह अंतिम लिस्ट है, जिनमें से किसी एक नाम पर एक-दो दिनों में फैसला ले लिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक यदि प्रतिभा सिंह और सुक्खू एक दूसरे के नाम पर भरोसा करने से इनकार करते हैं तो पार्टी एक सर्वसम्मत उम्मीदवार की तलाश कर सकती है। इस बीच कांगड़ा के कुछ विधायक कांगड़ा के ही एक विधायक की दावेदारी पेश करने में जुटे हैं। आपको बता दें कि यह हिमाचल का सबसे बड़ा जिला है। यहां कांग्रेस ने 15 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की है।
कांगड़ा के विधायक हिमाचल के मुख्यमंत्री पद के लिए कांगड़ा के एक ओबीसी नेता चंदर कुमार चौधरी के नाम की चर्चा कर रहे हैं। वे प्रतिभा और सक्खू गुटों के बीच गतिरोध की स्थिति में इस संभावना को तलाश रहे हैं। हालांकि, सक्खू खेमा बहुमत वाले विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है।
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने कल रात एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला लेने के लिए अधिकृत किया। प्रस्ताव को अग्निहोत्री ने पेश किया और पार्टी प्रमुख प्रतिभा की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदारों ने इसका समर्थन किया।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने व्यक्तिगत रूप से सभी 40 विधायकों से मुलाकात की और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर उनकी राय लेने के लिए आमने-सामने बैठक की। एआईसीसी के राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला ने मुख्यमंत्री के चेहरे को अंतिम रूप देने के मुद्दे पर पार्टी के विभाजित होने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, किसी भी गुटबाजी का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि सीएलपी ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जो सीएम पर फैसला आलाकमान पर छोड़ता है।
सुक्खू ने भले ही कहा है कि वह एक समर्पित कांग्रेसी हैं और सीएम पद की दौड़ में नहीं हैं, लेकिन तथ्य यह है कि प्रतिभा सिंह के साथ वह सबसे आगे हैं। वहीं, सीएलपी नेता अग्निहोत्री भी रेस में बने हुए हैं क्योंकि उन्हें भी कुछ विधायकों का समर्थन हासिल है। हालांकि उनकी संख्या ज्यादा नहीं है। अग्निहोत्री ने भी मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने के मुद्दे पर पार्टी के बुरी तरह विभाजित होने की अटकलों को खारिज कर दिया।
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