आरोपियों के अधिवक्ता द्वारा जिरह भी अंकित किया गया। 20 दिसंबर को अगली तिथि नियत की गई है।साथ ही मुख्तार अंसारी का बयान कराने के लिए न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से 20 दिसंबर को न्यायालय में उपस्थित करें। आदेश की एक प्रति जिला कारागार बांदा को भेजने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि नियत तिथि पर किसी प्रकार का स्थगन स्वीकार नहीं किया जाएगा। मालूम हो कि 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग की।
इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं रुस्तम उर्फ बाबू घायल हुआ था। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी। हमलावरों में से एक मारा गया था। मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थीं। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचना के बाद पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया था, जिसमें से दो आरोपी की विचारण के दौरान मौत हो गई थी।
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