मुंबई। संपत्ति कर का भुगतान करने में विफल रहनेवाले संपत्ति मालिकों को 31 दिसंबर के बाद 2 प्रतिशत तक का जुर्माना देना होगा। यह मुंबई नगर निगम अधिनियम 1888, धारा 202 के प्रावधानों के अनुरूप लगाया जाएगा। एक मासिक बकाया राशि पर जुर्माना लगाया जाएगा। बृहन्मुंबई नगर निगम के लिए संपत्ति कर राजस्व का मुख्य स्रोत है। निकाय मूल्यांकनकर्ता और कलेक्टर विभाग ने 2021-22 में संग्रह लक्ष्य को पार कर लिया, संग्रह 5,400 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में 5,792 करोड़ रुपये रहा।
बीएमसी ने 2022-23 के लिए 7,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। इसे अब तक 2,070 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। बीएमसी मई में एक विशेष वित्तीय वर्ष के लिए संपत्ति कर बिल जारी करती है। 50 फीसदी टैक्स चुकाने की डेडलाइन अगस्त में है और बाकी 50 फीसदी टैक्स दिसंबर में चुकाना है। संपत्ति के मालिकों को कर का भुगतान करने के लिए बिल प्राप्त करने के समय से तीन महीने का समय मिलता है।
90 दिनों के बाद बीएमसी डिफॉल्टर्स को रिमाइंडर और नोटिस भेजती है। नगर निकाय के सूत्रों ने कहा कि बिलों का भुगतान नहीं करने पर 2 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है। संयुक्त नगरपालिका आयुक्त सुनील धामने ने कहा, "भुगतान की देय तिथि समाप्त होने के बाद बकाया संपत्ति कर राशि पर ब्याज लगाया जाता है।
संपत्ति कर में हर पांच साल में संशोधन होता है और इसे 2020 में किया जाना था। हालांकि, कोविड महामारी के दौरान संशोधन को दो साल के लिए टाल दिया गया था। इस साल संपत्ति कर की दरों को 18% संशोधित किया जाना था, जिसका अर्थ है कि राजस्व में 1,080 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती थी। हालांकि, राज्य सरकार ने इस साल भी संपत्ति कर में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया।
पहली छमाही के कर की राशि, जैसा कि बिल में निर्दिष्ट है, बिल की सेवा की तारीख से तीन महीने के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए और दूसरी छमाही - MMC अधिनियम 1888, धारा 202 के अनुसार, प्रत्येक वर्ष के 31 दिसंबर से पहले वार्षिक कर का भुगतान किया जाना चाहिए।
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