उत्तर प्रदेश का जानामाना जनपद भदोही जिले कालीन नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह जनपद पहले वाराणसी से टूटकर बना है। जिसका मुख्यालय ज्ञानपुर में है। भदोही जिला, इलाहाबाद और वाराणसी के बीच मे स्थित है। यह जिला इलाहाबाद, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर की सीमाओं को स्पर्श करता है। यहाँ का कालीन उद्योग विश्वप्रसिद्ध है और कृषि के बाद दूसरा प्रमुख रोजगार का स्रोत है।
इस जिले की उत्पत्ति ३० जून १९९४ को भदोही के नाम से उत्तर प्रदेश के ६५ वें जिले के रूप में हुई थी। लेकिन बाद में मायावती सरकार ने इसका नाम संत रविदास नगर रख दिया था। फिर 06 दिसम्बर २०१४ को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुनः भदोही नाम रख दिया है। यह ज़िला "कारपेट सिटी " के नाम से विश्व में प्रसिद्ध है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे छोटे जिले में गिना जाता है।
भदोही से ही सटा छोटा सा शहर है सुरियावां। सुरियावां को लोहे के सामान काफी प्रमुखता से मिलता है। पर्यटन की दृस्ट से देखें सुरियावां में देखने को बहुत कुछ है। किसी जमाने में अपनी सुंदरता, स्वच्छता, विशालता तथा रमणीयता को लेकर जनपद में अपनी एक अलग पहचान रखने वाला बारह बीघा का तालाब काफी प्रसिद्ध है। नगर पंचायत की उदासीनता के चलते यह तालाब दिन ब दिन गंदगी से जकड़ता जा रहा है। आश्चर्य है कि एक तरफ न्यायालय तालाबों के अतिक्रमण व सुंदरता को लेकर सरकार व विभाग को फटकार लगा रहा है तो दूसरी तरफ उक्त तालाब में गंदगी परोसी जा रही है। इसे लेकर लोगों में रोष देखा जा रहा है।
बता दें कि बारह बीघा तालाब पर हनुमान मंदिर, बौद्ध बिहार तथा कर्बला मैदान होने के कारण श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है।
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