निजी अस्पतालों में शत प्रतिशत शुरू हुई नॉन कोविड उपचार
मुंबई। मुंबई में जहां तीसरी लहर कंट्रोल में है, वहीं कोरोना मरीजों की संख्या भी घट गई है। शनिवार को मुंबई में केवल 65 नए मरीज मिले, जबकि फरवरी से लेकर अब तक 15वीं बार जीरो डेथ हुई है। वहीं मुंबई मनपा द्वारा अपने कब्जे में लिए गए 160 अस्पतालों में फिलहाल कोरोना का एक भी मरीज भर्ती नहीं है। नतीजतन निजी अस्पतालों में साढ़े तीन हजार बेड खाली पड़े थे, जिसे देखते हुए सभी को नॉन कोविड मरीजों के लिए उपयोग की अनुमति दे दी गई है। यह जानकारी निजी अस्पताल समन्वयक डॉ. गौतम भंसाली ने दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर फिर से मनपा को बेड उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
मार्च 2020 में कोरोना महामारी के दस्तक देने के कुछ ही दिनों में पूरे मुंबई में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। शुरुआत में सिर्फ चिंचपोकली स्थित मनपा के कस्तूरबा अस्पताल में ही कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा था। हालांकि मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने से मनपा के प्रमुख अस्पतालों, उपनगरीय अस्पतालों, नर्सिंग होम, कोविड सेंटर, दस जंबो कोविड सेंटरों में भी कोरोना के लिए आरक्षित बेड कम पड़ने लगे थे। इसलिए मनपा ने मुंबई के 160 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसदी बेड उपलब्ध कराने और सरकारी दर से चार्ज करने का निर्देश दिया था।
शुरुआती दो लहरों में हुआ अधिक लाभ
कोरोना की शुरुआती दो लहरों में इसका बहुत उपयोग हुआ। हालांकि तीसरी लहर में शहर में रोजाना मिल रहे 20,000 संक्रमितों के बावजूद बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या 90 प्रतिशत से अधिक थी। नतीजतन मनपा और निजी अस्पताल के बेड बड़ी संख्या में खाली रह गए। फिलहाल अब तीसरी लहर पूरी तरह से नियंत्रण में है। निजी अस्पतालों को नॉन कोविड मरीजों के लिए सभी बेडों के उपयोग की अनुमति दे दी गई है।
कोरोना रोधी टीके की हल हुई समस्या
डॉ भंसाली ने कहा कि मनपा और सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर निःशुल्क टीकाकरण के कारण निजी अस्पतालों में 3.5 लाख डोज शेष रह गई थी। हालांकि निजी अस्पतालों ने मनपा केंद्रों पर सीएसआर के माध्यम से टीके उपलब्ध कराएं हैं। फिलहाल वर्तमान में केवल पांच से छह हजार खुराक ही बची हैं।
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