मुंबई। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अहम हथियार माने जाने वाले मास्क का उपयोग करने के मामले में मुंबईकर देश के सभी शहरों की तुलना में अव्वल साबित हुए हैं। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (डीआईएफ) ने देश के 11 शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न आयु समूहों के बीच मास्क पालन के स्तर को निर्धारित करने के लिए एक सर्वे किया, जिसमें मायानगरी मुंबई में 76.28 फीसदी लोग मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल करते मिले, जबकि 17.57 फीसदी आंशिक और महज 6.15 फीसदी लोगों ने मास्क का इस्तेमाल करना जरूरी ही नहीं समझा।
कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। तीसरी लहर का खतरा पूरे देश पर है। इस बीच यह खुलासा हुआ है कि रायपुर समेत प्रमुख शहरों में मास्क को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। इस मामले में 11 शहरों में रायपुर नवमें पायदान पर है। यहां केवल 28.13 फीसदी लोग नियमित मास्क पहन रहे हैं। करीब 11 प्रतिशत कभी-कभी मास्क लगा लेते हैं, जबकि 61 फीसदी शहरी उपयोग ही नहीं कर रहे हैं।
दिल्ली की संस्था डीएफआई इंडिया के 11 शहरों में ताजा सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। रायपुर में मास्क नहीं लगाने वाले लोगों ने अजीब तर्क दिए। इनमें से 33.3 प्रतिशत का कहना था कि वे वैक्सीनेटेड हैं। इस वजह से उन्हें मास्क लगाने की जरूरत नहीं हैं। 66.7 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे नहीं समझते कि कोविड-19 अब तक प्रभावशाली है और नुकसान पहुंचा सकता है। संस्था ने रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड, बाजारों व सार्वजनिक स्थलों पर जाकर लोगों से बात कर रिपोर्ट बनाई। इसमें पाया कि मास्क का इस्तेमाल करने में मुंबई सबसे आगे है। इसके बाद हैदराबाद, शिमला, कोलकाता, जम्मू, चेन्नई, गुवाहाटी, दिल्ली, चंडीगढ़ व पुणे का नंबर है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी आठवें नंबर पर है, जबकि यहीं से पूरे देश में कोरोना की गाइडलाइन जारी होती है।
पुरुषों से महिलाएं ज्यादा जागरूक
रायपुर में 33.3 फीसदी एन-95 मास्क लगाते हैं जबकि 30.6 सर्जिकल मास्क का उपयोग और 36.1 कॉटन मास्क का इस्तेमाल करते हैं। पुरुषों की बात करें तो 22.22 नियमित, 9.88 कभी-कभार व 67.90 फीसदी पहनते ही नहीं हैं। 38.30 फीसदी निमयित रूप से मास्क लगाती हैं। 12.77 कभी-कभी और 49.94 फीसदी मास्क नहीं लगाती हैं। इन महिलाओं में एन-95 पहनने वाली 44.4, कॉटन 44.4 व 11.1 फीसदी सर्जिकल मास्क पहनती हैं।
18 से 25 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा
सर्वे में पाया गया कि रायपुर में 18 से 25 साल के 34.55 प्रतिशत युवा रोज मास्क पहनते हैं। इनमें से 16.36 प्रतिशत कॉटन, 12.73 सर्जिकल व 5.45 प्रतिशत एन-95 मास्क पहनते हैं। 26 से 35 साल के मास्क पहनने वालों में 28.13 प्रतिशत लोग हैं। इनमें से 9.39 प्रतिशत कॉटन, 6.25 प्रतिशत सर्जिकल व 12.50 प्रतिशत एन-95 मास्क लगाते हैं। 36 से 46 साल के 19.23 प्रतिशत लोग मास्क लगाते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि सर्वे में इस एज ग्रुप में कॉन मास्क पहनने वाले नहीं मिले। जबकि सर्जिकल मास्क 7.69 व एन-95 लगाने वाले 11.54 फीसदी मिले। 46 से 55 साल के लोगों में 22.22 फीसदी लोग मिले। इनमें भी सर्जिकल मास्क लगाने वाले नहीं मिले, जबकि 11.11 प्रतिशत कॉटन व इतने ही एन-95 पहनने वाले मिले। 56 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 16.67 प्रतिशत लोग मिले जो सभी एन-95 मास्क लगाते थे।
सुरक्षा के लिए जरूरी है: प्रसन्ना
स्वास्थ्य सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना का कहना है कि कोरोना से सुरक्षा के लिए को मास्क पहनना जरूरी है। यह गलतफहमी है कि काेराेना के दोनों टीके लगने के बाद मास्क जरूरी नहीं है। मास्क लगाना आवश्यक है, क्योंकि यह इंफेक्शन से बचाता है। नुकसान को रोकता है। जिला प्रशासन इस बारे में काफी मेहनत कर रहा है। महिला स्व सहायता समूह भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। जुर्माना भी कर रहे हैं। लोगों का स्वयं जागरूक होना जरूरी है।
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