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यूपी भाजपा के 105 की पहली लिस्ट में 25 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले


उपमुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, पूर्व सांसद के नाम शामिल

लखनऊ। भाजपा ने यूपी के 105 प्रत्याशियों की जो पहली सूची जारी किया उनमें 25 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक पार्टी ने उत्तर प्रदेश भाजपा की वेबसाइट पर इन उम्मीदवारों के नाम जारी किए हैं। आपराधिक मुकदमे वाले उम्मीदवारों में सबसे बड़ा नाम डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का है। उनके अलावा बिजनौर की नजीबाबाद सीट के उम्मीदवार पूर्व सांसद कुंवर भारतेंदु सिंह, थानाभवन सीट के कैंडिडेट योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, मुजफ्फरनगर के कैंडिडेट राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल का नाम प्रमुख है।यूपी भाजपा की वेबसाइट पर आपराधिक छवि के लोगों को पार्टी ने प्रत्याशी क्यों बनाया कारण बताया गया है। मेरठ सिटी के कैंडिडेट कमल दत्त शर्मा भी इस लिस्ट में हैं। ब्रजेश सिंह रावत 05-देवबंद, सुरेश कुमार राणा 09-थानाभवन, मुकेश चौधरी 02 - नकुड़, बाबू लाल 91 - फतेहपुर सीकरी, अमित अग्रवाल 47 - मेरठ कैण्‍ट, दिनेश कुमार 45 - हस्तिनापुर(सु०), केशव प्रसाद मौर्य 251 - सिराथु, उमेश मलिक 11 - बुढ़ाना, योगेन्‍द्र उपाध्‍याय 88 - आगरा दक्षिण, प्रदीप चौधरी 65 - बुलन्‍दशहर, कुंवर भारतेन्‍दु सिंह 17- नजीबाबाद, सोमेन्‍द्र सिंह तोमर 49 - मेरठ दक्षिण, अमित अग्रवाल 47 - मेरठ कैण्‍ट, डॉ० जी०एस० धर्मेश 87 - आगरा कैण्‍ट (सु), डॉ० यशवन्‍त सिंह 18 - नगीना (सु०), जगपाल सिंह 04 - सहारनपुर देहात, अनिल पराशर 75 - कोल, धर्मेश सिंह तोमर 58 - धौलाना, डॉ० धर्मपाल सिंह 89 - एत्‍मादपुर डॉ० एम०पी० आर्य 121 - नवाबगंज, कपिल देव अग्रवाल 14 - मुज़फ्फरनगर, नंद किशोर 53 - लोनी, राजीव गुम्‍बर 03 - सहारनपुर नगर, सत्‍यवीर त्‍यागी 46 - किठौर, कमल दत्‍त शर्मा 48 - मेरठ शहर, धर्मपाल सिंह 126 - आंवला, लक्ष्‍मीराज 64 - सिकंदराबाद, अनिल शर्मा 69 - शिकारपुर का नाम प्रकाशित किया गया है।

अपनी वेबसाइट पर केशव प्रसाद मौर्य को उम्मीदवार के तौर पर चुनने की वजह बताते हुए भाजपा ने कहा, 'वह सिटिंग विधायक हैं और राज्य के डिप्टी सीएम हैं। पूर्व में सांसद और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं। वह अपने क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में बेहद लोकप्रिय हैं। उनके नाम को जिला यूनिट की ओर से प्रस्तावित किया गया था। उनका नाम मेरिट, सामाजिक कार्यों और लोगों के उत्थान के लिए किए गए कामों के आधार पर चुना गया है।' यही नहीं उनके अलावा बिना किसी आपराधिक मुकदमे वाले लोगों को न चुने जाने की वजह भी पार्टी ने बताई है। उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के तहत केस दर्ज कराए गए हैं। इसलिए उन्हें दूसरे दावेदारों के मुकाबले उम्मीदवार बनाए जाने में तरजीह दी गई है।' बता दें कि चुनाव आयोग ने आदेश दिया है कि यदि कोई पार्टी आपराधिक मुकदमों वाले कैंडिडेट को चुनती है तो फिर उसे इसकी जानकारी सोशल मीडिया, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथवा अपनी वेबसाइट पर देनी होगी।


सपा कैंडिडेट नाहिद हसन पर विवाद, SC पहुंचा मामला

समाजवादी पार्टी की ओर से कैराना से नाहिद हसन को उम्मीदवार बनाया गया था, जिन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। भाजपा ने इस पर ऐतराज जताया था और विवाद बढ़ने के बाद सपा ने उन्हें हटाने का फैसला लिया। यही नहीं इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें सपा समेत उन दलों की मान्यता को ही खत्म करने की मांग की गई है, जिन्होंने अपने आपराधिक मुकदमों वाले प्रत्याशियों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की ओर से फरवरी, 2020 में आदेश भी जारी किया गया था। हालांकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आज कहा है कि नाहिद हशन पर भाजपा सरकार में झूठे मुकदमें लादेगये हैं।

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