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सावन के दूसरे सोमवार पर बाबा के दरबार में लगी आस्‍था की कतार


वाराणसी।
सावन महिने के दूसरे सोमवार के मौके पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं का दर्शन पूजन का दौर शुरू हुआ तो सुबह दस बजे तक करीब 20 हजार लोग बाबा दरबार में हाजिरी लगा चुके थे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के पश्चात अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने प्रसाद वितरण किया। परिसर में बैरिकेडिंग और बाबा कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। एक एक कर आस्‍थावानों की भीड़ बाबा दरबार में प्रवेश करती रही और परिसर हर हर बम बम के उद्घोष से गूंजता रहा। 

देर रात शयन आरती के बाद बाबा दरबार में सावन के दूसरे सोमवार के लिए तैयारियां शुरू कर दी गईं। बाबा दरबार में शयन आरती के बाद बाबा शयन के लिए गए और सुबह मंगला आरती के बाद बाबा के दर्शन आम जनता को सुलभ हुए। मंगला आरती के बाद पूरा परिसर हर हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। परिसर में इससे पूर्व साफ सफाई और परिसर को फूलों से सजाया गया। मंगला आरती में शामिल होने वाले लोग एक एक कर बाबा दरबार परिसर में पहुंचे और मंगला आरती के साक्षी बने। 


श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर मान्‍यता है कि मां पार्वती संग बाबा दर्शन देते हैं। इस दौरान दोपहर तक हजारों लोग बाबा दरबार में मत्था टेक चुके थे। देर रात से ही भक्त कतार में लगे थे। वहीं मंगला आरती में लगभग 200 लोग रहे तो सुबह कतार के बाद 10 बजे भीड़ सामान्य हो सकी।

सुबह चार बजे मंगला आरती के दौरान मंगला आरती के लिए पहुंचे आस्‍थावानों का भी खूब जमावड़ा रहा। परिसर पूरी तरह आस्‍था से सराबोर रहा और आरती के दौरान बाबा के भक्‍त डमरू और वाद्य यंत्रों के साथ हर थाप पर झूमते और गाते नजर आए। आरती के बाद पूरा परिसर हर हर महादेव से गूंज उठा। हर हर बम बम और ओम नम: शिवाय के बोल से बाबा दरबार पूरी तरह आस्‍था से सराबोर नजर आया। 


वहीं बाबा दरबार में हाजिरी लगाने से पहले आस्‍थावानों ने गंगा में पुण्‍य की डुबकी लगाई और स्‍नान ध्‍यान के साथ दान कर पुण्‍य के भागी भी बने। गंगा स्‍नान के दौरान पानी में इजाफा होने की वजह से घाट पर जल पुलिस की सक्रियता भी बनी रही और लोगों को स्‍नान के दौरान हिदायत भी देते रहे। घाट से लेकर बाबा दरबार तक आस्‍था गुलजार रही। दोपहर तक नदी तट पर लोगों की भीड़ भी सुबह की अपेक्षा काफी कम हो गई। 

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