जौनपुर. उत्तर प्रदेश के कई जिलों की नाम बदले जाने के बाद अब जौनपुर का नाम बदलने की मांग उठ रही है. केराकत से बीजेपी के विधायक दिनेश चौधरी ने जौनपुर जिले का नाम बदलकर परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि के नाम पर जमदग्निपुरम करने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर निवेदन किया है. जौनपुर जिले का नाम बदलने की मांग को लेकर राजनीति तेज हो गई है.
दिनेश चौधरी ने कहा कि पूर्व में जौनपुर का नाम जमदग्निपुरम था. तेरहवीं शताब्दी में मोहम्मद बिन तुगलक ने इस शहर का नाम अपने भाई जूना खान के नाम पर बदलकर जौनपुर रख दिया. उन्होंने कहा कि जौनपुर का नाम परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि के नाम पर जमदग्निपुरम रखा जाना चाहिए. उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जौनपुर जिला का नाम बदलने की मांग की है.
जौनपुर का नाम जमदग्निपुरम करने की मांग
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए केराकत के विधायक ने कहा कि सभी विरोधी दल ब्राह्मणों के नाम पर सियासत कर रहे हैं. लेकिन, ब्राह्मण शिरोमणि भगवान परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि के नाम पर सब चुप्पी साधे हुए हैं. इसीलिए प्रदेश के अन्य जिलों की तरह जौनपुर का भी नाम बदला जाए और इसे ऋषि जमदग्नि के नाम पर वापस जमदग्निपुरम नाम दिया जाना चाहिए. दिनेश चौधरी ने सीएम योगी से अनुरोध किया कि जौनपुर का भी नाम बदलकर जमदग्निपुरम रखा जाए.
बीजेपी पर हमलावर विपक्षी दल
वहीं, जौनपुर के बीएसपी सांसद श्याम सिंह यादव ने बातचीत में बीजेपी पर चुनावी साल में वोट बटोरने के लिए नाम बदलने की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा वो किसी प्रकार से सत्ता हासिल करने के लिए अपने आप को देशभक्त और दूसरे को गद्दार कहती है. दरअसल देश के असली गद्दार यही लोग हैं. हिन्दुस्तान की जनता का दिल और हृदय है कि इनको सत्ता पर बिठाई हुई है. देश की जनता एक दिन इन्हें (बीजेपी) अपने पुराने स्थान पर भेज देगी.
कौन थे ऋषि जमदग्नि?
जानकारी के अनुसार प्राचीण काल में जमदग्नि परम तेजस्वी ऋषि थे. वो ‘भृगुवंशी’ ऋचिक के पुत्र थे. उनकी गिनती ‘सप्तऋषियों’ में होती है. उनकी पत्नी राजा प्रसेनजीत की पुत्री रेणुका थीं. जमदग्नि ने अपनी तपस्या और साधना द्वारा उच्च स्थान प्राप्त किया था जिससे लोग उनका काफी आदर-सत्कार करते थे. जमदग्नि और रेणुका के पांच पुत्र थे- रुमणवान, सुषेण, वसु, विश्ववानस और परशुराम.
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