महानगरों में कमाने गए हैं अधिकतर ग्रामीण
गांव के अधिकांश लोग रोजी रोटी के लिए परिवार के साथ दिल्ली- मुंबई, बैंगलोर व कोलकाता ल अन्य महानगरों में रहते हैं। इनमें कुछ लोग तो कोरोना महामारी फैलने पर गांव वापस लौटे थे, इनमें अधिकांश फिर शहर का रुख कर लिए हैं। लेकिन गांव में ऐसे लोग भी हैं जो वर्षो से परदेश में ही रह रहे हैं। उनका नाम यहां की मतदाता सूची में दर्ज हैं। जिनका नाम सूची में नहीं भी था, उन्हें चुनाव लडने की तैयारी में लगे लोगों ने शामिल भी करा दिया है। अब इन लोगों को मतदान करने के लिए गांव आने का न्योता भेजा जा रहा है। यही नहीं परिवार के सभी सदस्यों को गांव आने के लिए हवाई सफर के साथ एसी का रेल टिकट भी बुक करा कर भेजा जा रहा है।
टिकट संग पक्का कर रहे वोट
प्रत्याशियों द्वारा बाहर रह रहे सैकडों मतदाताओं को यह सुविधा दी जा रही है। वहीं प्रदेश के अन्य शहरों में रह रहे लोगों को लक्जरी बस बुक करके उन्हें बुलाया जा रहा है। चुनाव में अभी भले ही 15 दिन शेष हों, लेकिन अभी से ही इनका टिकट बुक करके अपना वोट फाइनल करने में लगे हुए हैं। क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत के प्रत्याशी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि मतदाताओं को शहर से गांव बुलाने के लिए लाखों रुपए ट्रेवल पर खर्च हो रहे हैं। मुंबई व दिल्ली रहने वाले लोगों को आने- जाने का रेल व हवाई टिकट भेज रहे हैं। प्रत्याशियों की इस सजगता से पंचायत चुनाव में निश्चित ही मतदान का प्रतिशत बढेगा।
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